सन 1991 में मैं चंडीगढ़ से ट्रान्सफर होकर गाज़ियाबाद आया. मन बड़ा उदास था क्योंकि कहाँ चंडीगढ़ चंडीगढ़, साफ सुथरा शहर और कहाँ गाज़ियाबाद? अव्यवस्थित, गन्दा, झुग्गी झोपड़ियों से भरा, उस समय यह शहर दिल्ली का एक अविकसित उपनगर मन जाता था. कुछ भी ढंग का खरीदना हो तो दिल्ली जाओ. यहाँ सब कुछ जैसा तैसा ही मिलेगा, कामचलाऊ. मुश्किल से किट्टू का एडमिशन हुआ सेंट मेरीस कान्वेंट में. घर किराये पर मिला, अनिल शर्मा का, पहली मंजिल का. उसके ऊपर कुछ न बना होने के कारण खूब गर्म. सोने चलो तो रात रात भर बिजली गायब! रुला दिया इस शहर ने! लेकिन धीरे धीरे शहर कुछ बदला. एक दिन ऑफिस के एक सहकर्मी ललित शर्मा ने कहा की मेरी एक सांस्कृतिक संस्था है ओस्कार नाम की, हम लोग स्कूल के बच्चों का एक डांस कम्पटीशन करने जा रहे हैं, क्या आप उनके जज बन सकते हैं. मैं ने मान लिया. उस डांस कम्पटीशन की एक और जज थीं मिसेस भाम्भ्रा उनसे मुलाकात हुई और फिर धीरे धीरे शहर मुआफिक आने लगा. बाक़ी किस्सा कुछ समय बाद.
1 comment:
Ghaziabad was the most important thing to happen in life!
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